यदि तुम दर्द महसूस करते हो तो इसके बारे में सतर्क रहो, कुछ करो नहीं तुम सिर्फ दर्द पर ध्यान दो। तेज दर्द पेट में या सिर में। यह संभव है, क्योंकि ध्यान से सारे शरीर में बदलाव आता है। ध्यान शरीर में रसायनिक बदलाव लाता है। नई चीजें होना शुरू हो जाती हैं; शरीर में एक अव्यवस्था होती है। कई बार पेट प्रभावित होता है क्योंकि पेट में तुमने बहुत सी भावनाएं दमित की हुई हैं, और उनमें उथल-पुथल मचती है। कई बार तुम्हें उल्टी आने को होगी, जी मिचलाएगा। कई बार तुम्हें तेज सिर दर्द महसूस होगा क्योंकि ध्यान तुम्हारे दिमाग का अन्दरूनी ढांचा बदल रहा होता है। ध्यान में तुम वास्तव में एक अव्यवस्था से गुजरते हो। जल्द ही चीजें व्यवस्थित हो जायेंगी। लेकिन, कुछ समय के लिए, हर चीज अव्यवस्थित होगी। सरलता से सिर में हो रहे दर्द को देखो; इसे देखते रहो। द्रष्टा बने रहो। भूल जाओ कि तुम कर्ता हो, और धीरे-धीरे हर चीज शांत हो जाएगी और इतनी खूबसूरती से और इतनी सौम्यतापूर्वक कि तुम इसका विश्वास नहीं कर सकोगे--- यदि तुमने इसे अनुभव नहीं किया हो। और इतना ही नहीं कि सिर दर्द गायब हो जाएगा: वह ऊर्जा जिसने दर्द पैदा किया था उसे यदि सिर्फ देखा गया है, दर्द गायब हो जाएगा और वही ऊर्जा आनंद बन जाएगी। ऊर्जा वही है। दर्द और आनंद उसी ऊर्जा के दो आयाम हैं।'' जब तुम ध्यान नहीं करते हो तब वे नहीं होतीं। तुम सारे दिन मौजूद हो और सिर में दर्द नहीं होता और पेट भी बिल्कुल सही है और पैर भी सही हैं। सभी चीजे सही हैं। वास्तव में क्या हो रहा है? ये चीजें ध्यान के दौरान अचानक क्यों शुरु हो जाती हैं? शरीर लंबे समय तक प्रभुत्व में रहा है, और ध्यान में तुम शरीर को उसके प्रभुत्व के बाहर फेंक रहे हो। तुम इसे अपदस्थ कर रहे हो। यह चिपका रहता है; यह हर संभव तरीके से प्रभुत्व में रहने की कोशिश करता है। यह तुम्हें हटाने के लिए बहुत सी चीजे पैदा करेगा जिससे कि ध्यान खत्म हो जाये; तुम संयम खो देते हो और शरीर प्रभुत्व में आ जाता है। अब तक, शरीर प्रभुत्व में रहा है और तुम गुलाम रहे हो। ध्यान के माध्यम से, तुम सभी चीजें बदल अब तक, शरीर प्रभुत्व में रहा है और तुम गुलाम रहे हो। ध्यान के माध्यम से, तुम सभी चीजें बदल सकते हो

आजमायें इन्हें भी :
- प्रात:काल शौचादि से निवृत्त होकर एक सेब थोड़े से नमक के साथ खायें। इसका सेवन नियमित एक सप्ताह तक करें। सिर दर्द में लाभ मिलेगा।
- सिर में बादाम के तेल की मालिश करने से भी आराम मिलता है।
- पीपल के पत्तों की पानी में चटनी बना कर माथे पर लगाने से भी आराम मिलता है।
- काली मिर्च के दस दाने और मिसरी 10 ग्राम पीस कर चूर्ण तैयार कर लें। प्रात: पानी के साथ लें।
- गाय का ताजा घी या शुध्द सरसों के तेल को सिर के जिस भाग में दर्द हो, उसी भाग के नथुने में दो चार बूंद डालने से दर्द ठीक हो जाता है। इस क्रिया को सुबह शाम 7 दिन तक नियमित करना चाहिए। आधे सिर के दर्द में आराम भी मिलेगा और नाक से खून गिरना भी बंद हो जायेगा।
- गरमी के दिनों में तरबूज के रस में मिश्री मिलाकर नियमित सुबह पीने से भी आधे सिर दर्द में आराम मिलता है।
- सफेद चंदन को गुलाब जल में घिसकर उस लेप को माथे पर लगाए।
- नियमित रूप से खाना खाने के बाद दो चम्मच शहद लेने से
- तुलसी के पत्तों को छाया में सुखाकर उसका चूर्ण बना लें। उसका सेवन शहद के साथ करने से भी आराम मिलता है।
इनसे बचें :
- सर्दियों में ठंडे पानी में स्नान ना करें।
- अधिक समय तक गीले वस्त्रों में न रहे।
- ठंडे पेयों का सेवन न करें।
- अधिक चाय, काफी और मद्यपान न करें।
- तेज धूप में बाहर कम निकलें।
- कुछ भी न पढ़ें, न टीवी देखें।
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