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मानव मस्तिष्क के एम.आर.आई. प्रतिबिंब को प्रदर्शित करता चित्र |
मानव मस्तिष्क शरीर का एक आवश्यक अंग होने के साथ-साथ प्रकृति की एक उत्कृष्ट रचना भी है। देखने में यह एक जैविक रचना से अधिक नहीं प्रतीत होता। परन्तु यह हमारी इच्छाओं, संवेगों, मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, चेतना, ज्ञान, अनुभव, व्यक्तित्व इत्यादि का केन्द्र भी होता है। मानव मस्तिष्क कैसे काम करता है यह एक ज्वलंत प्रश्न के रूप में जीवविज्ञान, भौतिक विज्ञान, गणित और दर्शनशास्त्र में स्थान रखता है। प्रस्तुत आलेख में मस्तिष्क के विभिन्न संरचनात्मक एवं क्रियात्मक पहलुओं पर चर्चा की गई है।
मस्तिष्क-एक परिचय
मानव मस्तिष्क का अध्ययन एक व्यापक क्षेत्र है। मुख्यतः इसका अध्ययन तंत्रिका विज्ञान में किया जाता है। परन्तु मनोविज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान, दर्शनशास्त्र, भाषाविज्ञान, मानव विज्ञान एवं आयुर्विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे शोधों ने इसके अध्ययन को एक नयी दिशा प्रदान की है। तंत्रिका तंत्र के शीर्ष पर स्थित यह अंग शरीर की सभी क्रियाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित करता है। यह संरचनात्मक रूप में जटिल और क्रियात्मक रूप में जटिलतम होता है। इसकी संरचना, कार्य एवं इसके पारस्परिक संबंधो का अध्ययन मुख्यतः तंत्रिकाजैविकी (Neurobiology) मनोविज्ञान एवं कम्प्यूटर विज्ञान में किया जाता है।- तंत्रिका जैविकी-मस्तिष्क का जैविक आधार .
- एक निरूपी तंत्रिका कोशा
- न्यूरॉन की सूक्ष्मदर्शिकी संरंचना
मस्तिष्क के कॉर्टेक्स में प्रतिचित्र के स्तर पर शरीर का संवेदी निरूपण
संपूर्ण ब्रह्मांड में जो भी है वह द्रव्य एवं ऊर्जा (Matter and energy) का संगम है। समस्त दृश्य एवं अदृश्य इन्ही दोनो के संयोग से घटित होता है। हम और हमारा मस्तिष्क इसके अपवाद नहीं हैं। सृष्टि के मूलभूत कणों के विभिन्न अनुपात में संयुक्त होने से परमाणु और क्रमशः अणुओं का निर्माण हुआ है। मस्तिष्क एवं इसके विभिन्न भाग, सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं भंडारण के लिए इन्हीं अणुओं पर निर्भर रहते हैं। यह विशेष अणु न्यूरोकेमिकल कहलाते हैं। मस्तिष्क एक विशेष प्रकार की कोशिकाओं से मिल कर बना होता है जिन्हें तंत्रिका कोशा (Neuron) कहते हैं। ये मस्तिष्क की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई होतीं हैं। इनकी कुल संख्या 1 खरब से भी अधिक होती है। संरचनात्मक रूप से मस्तिष्क के तीन मुख्य भाग होते हैं। अग्र मस्तिष्क (Fore Brain) मध्य मस्तिष्क (Mid Brain) एवं पश्च मस्तिष्क (Hind Brain)। प्रमस्तिष्क (Cerebram) एवं डाइएनसीफेलॉन (Diencephalon) अग्र मस्तिष्क के भाग होते हैं। मेडुला, पोन्स एवं अनुमस्तिष्क (Cerebellum) पश्च मस्तिष्क के भाग होते हैं। मध्य मस्तिष्क एवं पश्च मस्तिष्क मिल कर मस्तिष्क स्तंभ (Brain Stem) का निर्माण करते हैं। मस्तिष्क स्तंभ मुख्यतः शरीर की जैविक क्रियाओं एवं चैतन्यता (Awareness) का नियंत्रण करता है। प्रमस्तिष्क गोलार्ध (Cerebral Hemisphere) प्रमस्तिष्क के दो सममितीय भाग होते हैं और आपस में मध्य में कॉर्पस कैलोसम (Corpus Callosum) द्वारा जुड़े होते हैं। इनकी सतह का भाग प्रमस्तिष्क वल्कुट (Cerebral Cortex) कहलाता है। मस्तिष्क के इन विभिन्न भागों की क्रियात्मक समरूपता वाली कोशिकाएं तंत्रिका संजाल (Neural Network) का निर्माण करती हैं। विभिन्न संजाल मिल कर प्रतिचित्र (Topographical Map) का निर्माण करते हैं।
मस्तिष्क में प्रतिचित्र के स्तर पर शरीर के सभी अंगो का संरचनात्मक निरूपण होता है। प्रमस्तिष्क वल्कुट का भाग समस्त संरचनात्मक निरूपण के लिए उत्तरदाई होता है।
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